शेष बची यादें हे आज ,
तेरे वो सारे उपहार ।
तू नहीं तेरी आवाज नहीं ,
सिर्फ शेष रहे ये ही अहसास।
तेरी उस दी घडी की टिकटिक ,
मनो कुछ मुझसे कहती हे ।
प्रत्यक्ष नहीं तू साथ मेरे पर
इस आवाज में तू ही रहती हे ।
तेरा वो स्पर्श मुझे ,
नसीब नहीं अब छूने को ।
कानो की तेरी बाली कहती
मत रो शेष नहीं कुछ खोने को ।
तेरा वह कोफी का मग
फोटो हे जिस पर मेरी ।
दिया हुआ तेरा छल्ला ,
ह्रदय की छाप जिस पर तेरी ।
सब कहते हर रोज यही ,
तू आज भी मेरे साथ यहीं
मेरी आँखे जो ढूंढे तुझे
दिखती हर ओर छवि तेरी ।
वो दी हुयी तेरी डायरी ,
लिखने को मुझको कहती हे ।
आँशु मेरे सब सूख चुके ,
बस कलम ही मेरी रोती हे ।
जीवन कल तक बाग़ सा था
उसमे आया क्यों हाहाकार ।
शेष बची यादें हे आज ,
तेरे वो सारे उपहार ।
तेरे वो सारे उपहार ।
तू नहीं तेरी आवाज नहीं ,
सिर्फ शेष रहे ये ही अहसास।
तेरी उस दी घडी की टिकटिक ,
मनो कुछ मुझसे कहती हे ।
प्रत्यक्ष नहीं तू साथ मेरे पर
इस आवाज में तू ही रहती हे ।
तेरा वो स्पर्श मुझे ,
नसीब नहीं अब छूने को ।
कानो की तेरी बाली कहती
मत रो शेष नहीं कुछ खोने को ।
तेरा वह कोफी का मग
फोटो हे जिस पर मेरी ।
दिया हुआ तेरा छल्ला ,
ह्रदय की छाप जिस पर तेरी ।
सब कहते हर रोज यही ,
तू आज भी मेरे साथ यहीं
मेरी आँखे जो ढूंढे तुझे
दिखती हर ओर छवि तेरी ।
वो दी हुयी तेरी डायरी ,
लिखने को मुझको कहती हे ।
आँशु मेरे सब सूख चुके ,
बस कलम ही मेरी रोती हे ।
जीवन कल तक बाग़ सा था
उसमे आया क्यों हाहाकार ।
शेष बची यादें हे आज ,
तेरे वो सारे उपहार ।
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